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खच्चर हैं राहुल गांधी

बेवफ़ाई
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रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम
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ये शब्द हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के है…….हमने बचपन में किताबों में पढ़ा था की महात्मा गांधी जी मरते वक्त अंतिम समय में उनके मुख से..हे!राम शब्द निकला था….इनसब बातों से ये साबित होता है की महात्मा गांघी जी को भगवान राम में पूर्ण विश्वास और हिन्दू धर्म में आस्था थी…..महात्मा गांधी जी ने एक भारतीय नारी से शादी भी की थी..मै अपने इस लेख को बहुत जटिल शब्दों में नहीं बांधना चाहता मै अपने लेख को बहुत ही सरलता से आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूँ….महात्मा गाँधी जी ने समाज को कई वर्णों में विभाजित करने को सही बताया था और कहा था इससे समाज में सामंजस्य बना रहेगा…उन्होंने कभी भी किसी धर्म विशेष पर टिप्पड़ी भी नहीं की थी…कांग्रेस तो चलिए मानते है उन्ही की कम्पनी थी जैसे धीरू भाई जी की कम्पनी रिलाएंस है…..महात्मा गांधी जी ने देश में “रामराज”के स्थापना की बात बहुत ही स्पस्ट शब्दों में कही थी….फिर महात्मा गांधी जी की हत्या कर दी गयी क्योंकि उनके विचारों से लड़ने की कूवत जब अंग्रेजो में नहीं थी तो ये हत्यारे कहा से लड़ते…..उनकी हत्या हुई और फिर अगले लगभग 50  सालों तक देश में कांग्रेस का ही राज था….कोई भी पार्टी इतनी शक्तिशाली नहीं थी की कभी इनको हरा सके….कांग्रेस भारत को अपनी जागीर समझने लगे और फिर अपनी इच्छा का काम करने लगे…..वक्त बदलता गया इनके नेताओं की नियत गंदी से गंदी होने लगी महात्मा गांधी ने जो सोचा था उसके उल्टा होता गया परिवार के लोग आपस में ही उलझे रहे और खुद को भारत में सदियों तक स्थापित करने वाली प्रणाली पर चलते रहे इनके राज में देश के बनाये गए नियम,क़ानून,संविधान सभी टूटते हुए देखा गया…चाहे वो इंदिरा गाँधी का “इमरजेंसी” रहा हो…फिर शुरू हुआ घोटालों का दौर जब पैसा सीधे तरीके से नहीं आ रहा था तो कांग्रेसी नेताओं ने बड़े-बड़े घोटाले करना शुरू कर दिया….फिर चाहे वो राजीव गांधी हो,पी.वी.नरसिंह राव हो,या फिर तत्कालीन ए.राजा.हो.भले ही रजा पर अभी तक अपराध सिद्ध नहीं हुआ है मगर जनता इतनी भी बेवकूफ नहीं की जो ये न जान सके की कौन सही है या गलत….50 सालों तक कांग्रेस यही करती रही या तो विदेशों में भारत को सब का पिछलग्गू बनाया,या तो देश का पैसा दबाया..देश को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया…..फिर जब यही कांग्रेस विपक्ष में बैठी और सत्ता पक्ष में हमारे श्री अटल बिहारी बाजपेई जी बैठे तो उनसे सोनिया गांधी जी ने एक बेहूदा सवाल संसद में पूंछा कि .”आपने इन दो सालों में क्या किया कितना अपराध है,बेरोजगारी है.आदि” ………उत्तर में हमारे माननीय बाजपेई जी ने कहा “आपकी सरकारों ने जो काम पचास सालों में नहीं किया उसी को कर रहा हूँ पचास साल की गंदगी को हटाने में थोडा वक्त तो लगेगा ये समस्याएं तो हमें विरासत में मिली है”फिर संसद भवन तालियों की गूँज से भर उठा ..क्या आपसब अटल जी की इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते….फिर सत्ता में वापस आते ही कांग्रेस ने अपना पुराना खेल चालू कर दिया और अपनी-अपनी तिजोरी भरना शुरू कर दिया….आपके पास मेरे इन प्रश्नों का जवाब है मुझे आपसे इनका जवाब चाहिए आप जनता है आपको इसका जवाब देना चाहिए….
1 -आखिर कांग्रेस विदेशों में जमा काले धन को लाने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है…
..क्योंकि काले धन का 70 % तो कांग्रेसियों का ही है….इतने सालों में कितनी मेहनत से कमाया होगा इन्होने वो पैसा अब उसको वो ऐसे ही गवा दे..आप अपना काम करिए ये कांग्रेस है आपका जो बचा खुचा बैंक बैलेंस है वो भी ये चाट जाएगी…हाँ मगर इतना रहम जरूर करियेगा एक बार फिर कांग्रेस को ही जितायें क्योंकि आपलोगों को कांग्रेस बहुत पसंद है.
२-जिस आतंकवाद के मुद्दे पर बाजपेई जी ने अपनी कूटनीति से पाकिस्तान की छीछालेदर करके रख दिया था..लेकिन कांग्रस के आने के बाद क्या हुआ कुछ भी नहीं उल्टे संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरु को अभी तक फांसी भी नहीं हो पाई.आपसब खुद देख रहे है की इस वक्त पूरे देश में आतंकवाद कितना फ़ैल चूका है मगर कांग्रेस के उप्पर कोई भी असर नहीं पड़ रहा…
2 – अब बात भ्रस्टाचार की कर ली जाए तो ये बात साफ हो जायेगी की खुद कांग्रेस ही भ्रष्ट है इसके नेताओं को सिर्फ और सिर्फ पैसा ही दिखता है फिर चाहे देश की इज्जत रहे या जाए..इसका सबसे बड़ा और प्रत्यक्ष उदाहरण कामनवेल्थ गेम है…जिसमे कांग्रेसी नेताओं ने तो सारी हदें पार करते हुए देश का सबसे बड़ा घोटाला कर डाला.आप सोच भी नहीं सकते की देश की राजधानी की बदहाल हालात,कामनवेल्थ गेम से जुड़े सभी चीजों की अधूरी तैयारी को देखकर विदेशों में भारत की क्या स्थिति बनी होगी…खैर अभी कल की खबर है की कामनवेल्थ गेम से जुड़े कुछ दस्तावेज गायब है,अब गायब तो होना ही है गायब नहीं होगी तो सबकी पोल नहीं खुल जायेगी…
3 -एकता और अखंडता के लिए तो कांग्रेस ने क्या कुछ नहीं किया मुंबई में राज ठाकरे को समर्थन,और यहाँ पी. चिदम्बरम का बयान की दिल्ली में अपराध यू.पी. बिहार वालों के कारण बढ़ा है…..ये कांग्रेसी जब एक राज ठाकरे को नहीं सम्भाल सकते तो देश क्या खाक सम्भालेंगे…इनके राज में ये स्थिति आ गयी है की अब एक व्यक्ति को भारत के अन्दर ही दूसरी जगह जाने के लिए दस बार सोचना पड़ेगा…अब जो लोग पहले ये सोचते थे की हमारा अपना हिन्दुस्तान है हम कहीं भी आराम से रह सकते है,आ जा सकते है तो कांग्रेसियों ने ऐसी सोच रखने वाले हर हिन्दुस्तानी को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया..क्या ये वाकई अपना हिन्दुस्तान है या मराठिस्तान,गुजरातिस्तान,दिल्लीस्तान..हा हा हा!क्या नाम बनेगा बस कुछ साल और इस कांग्रेस को सत्ता में बैठने दीजिये बस..फिर तो आपको एक शहर से दुसरे शहर जाने के लिए वीजा की जरूरत पड़ेगी…..
4 -निकम्मा शासन,निकम्मी सरकार,निकम्मे नेता ये कांग्रस के आज के पर्याय है…न तो ये किसी राज्य में अच्छे से शासन कर पा रहे है,न ही केंद्र में.. हर महीने इनके भ्रष्टाचार की कोई न कोई नयी पोल खुल जाती है जिसके कारण इनका पूरा ध्यान,पूरा समय सिर्फ और सिर्फ अपने दामन को बचाने में जा रहा है…..अभी हाल ही में ए राजा द्वारा किये गए स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर जब विपक्ष ने जे.पी.सी.जांच की मांग की तो कांग्रेस ने इसको नकार दिया और कांग्रेस के एक गैर जिम्मेदार रवैये के कारण पहली बार संसद बिना किसी बहस के बंद हो गयी….

कांग्रेस की हकीकत जानना हो तो आप अभी हाल ही में हुए बिहार विधान सभा चुनाव में देख सकते है जहा कांग्रेस की तो बोलती बंद हो गयी..इनके राज में अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब…इनके हर एक नेता अपनी जिम्मेदारी से अपना मुह चुराते फिरते है…फिर चाहे महंगाई पर शरद पवार का बयान की “मै कोई  ज्योतिषी  नहीं की बता दूँ की कबतक महंगाई कम होगी” या फिर 23 /12 /2010 को शीला दीक्षित का दिल्ली में महंगाई पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा “ये महंगाई मीडिया(पत्रकारों) के कारण है.” अब ये कौन समझाएगा की ये कैसे हो सकता है…

अब बात करता हूँ कांग्रेस के युवराज,महाराज श्री राहुल गांधी जी कि…इन्होने कांग्रेस के उद्धार के लिए पूरे देश में भ्रमण किया, कर रहे है…..कभी किसी राज्य में जायेंगे और कभी किसी राज्य में जायेंगे…मगर ये दिल्ली में कभी नहीं जायेंगे क्योंकि ये तो वही रहते है…इन्हें सब राज्यों में जहा कांग्रेस की सरकार नहीं है वहा इनको भ्रष्टाचार,अपराध,गरीबी,न जाने क्या-क्या  दिखता है मगर इनको इनके नाक के  नीचे दिल्ली में होते हुए अपराध नहीं दिखते….इनको अपनी सरकार के द्वारा बढाई महंगाई दिखाई नहीं देती…ये किसी राज्य के किसी गाव में जाकर किसी दलित,किसी गरीब के यहाँ दाल, चावल, रोटी, सब्जी, खाते है और पानी पीकर दो तीन लेक्चर देते है और चलते बनते है, अगर मै पत्रकार के रूप में उनके सामने होता तो मेरा पहला प्रश्न यही होता कि..”राहुल जी आपने जो अभी खाना खाया क्या आपको पता है कि ये गरीब कितने मुश्किल से उसका इन्तेजाम करता है…

दाल+चावल+रोटी+सब्जी=80 +20 +18 +30 =148 Rs  वर्तमान मूल्य….,एक साल पहले …28 +10 +9 +10 =57 …..मतलब एक साल के भीतर मूल्य तीन गुना बढ़ गए…..और अब उस मजदूर कि मजदूरी देख लिया जाये…..एक साल पहले उसकी कमाई- 100 Rs   प्रतिदिन थी…आज उसकी कमाई  125 Rs  प्रतिदिन अर्थात कमाई तो कुछ भी नहीं बढ़ी मगर महंगाई तीन गुना बढ़ गयी….अब आपको पता होना चाहिए कि अभी आपने जो खाया है वो उसके लिए कितना कीमती था…

इस महंगाई के चक्कर में लोग कुपोषण के शिकार भी हो रहे है….तो राहुल जी केवल प्लास्टिक के डालिए में 2 किलो मिटटी फेकने से या फिर किसी गरीब के यहाँ खाना खाने से कुछ नहीं होगा..करना है तो इस महंगाई और कमाई के भयानक अंतर को खत्म कीजिये…..ये फ़िल्मी ढकोसला किसी फिल्म में दिखाएँ तो ज्यादा अच्छा होगा…
जैसा कि हमारे राष्ट्रपिता अमर है तो क्या वो ये सब देख नहीं रहे है कि, उन्होंने क्या सोचा था और ये लोग क्या कर रहे है..क्या करके रख दिया देश का अपने स्वार्थ के लिए देश को दांव पर लगा दिया…..बात यही खत्म नहीं होती इधर कुछ महीनो से कांग्रेसियों के मुह से अक्सर “भगवा आतंकवाद” कि बात सुनी जा रही थी…मगर अभी विक्किलीक्स के खुलासे में एक बात उजागर हुई है  कि ‘राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत से कहा कि हिन्दुस्तान को हिन्दू कट्टरवाद (भगवा आतंकवाद) से बहुत खतरा है” बस अब यही एक चीज बाकी थी जो ये कह गए…..जिस भगवान राम में स्वयं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कि आस्था थी..मरते वक्त उनके मुह से आखिरी शब्द हे!राम निकला था..आज वही भारत देश के लिए खतरा है..जिसकी वजह से भारत में आज भी संस्कृति,सभ्यता,प्रेम बहता है आज वही देश के लिए खतरा है…इसका मतलब महात्मा गांधी की आस्था आतंकवादी में थी,वो एक रामराज्य नहीं बल्कि एक आतंकवादी राज्य की स्थापना करना चाहते थे……आज अगर वो इस धरती पर होते तो अपने ही लोगों तथा अपनी पार्टी की ऐसी बाते सुनकर रो पड़ते……….राहुल गांधी को  हिन्दू धर्म पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झाँक कर देख लेना चाहिए था….एक क्रिस्चन और हिन्दू की मिली जुली सन्तान (खच्चर)जिसने अपना अधिकतर समय विदेशों में बिताया क्या उन्हें पूरी हनुमान चालीसा याद है……क्या उन्हें हिन्दू धर्म की बारीकी पता है,उन्हें क्या ये पता है की हिन्दू धर्म क्या है……राहुल गांधी जी को ये पता होना चाहिए की आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होते है उनका न कोई धर्म होता है न ही मजहब…..वो पाकिस्तान में भी हमला करते है, अमेरिका में हमला करते है, सभी देशो में दहशत फैलाते है,हिन्दुस्तान तो इनका मुख्य टार्गेट है….अपनी रक्षा के लिए हिन्दू धर्म की संस्थाओं ने अगर आँखे घूरी है तो इसका मतलब ये तो नहीं की ये आतंकवादी है….जब सरकार कुछ नहीं कर पा रही है तो हमें ही तो कुछ करना पड़ेगा..ये जब देशी नक्सल से नहीं निपट पा रहे तो आतंकाद तो बहुत बड़ी चीज है….इस बयान के लिए राहुल गांधी तथा उनकी कांग्रेस पार्टी को आगामी चुनाव में अंजाम भुगतना पड़ेगा…अब हद हो चुकी है मै अपने देशवासियों से निवेदन करता हूँ की वो ऐसी पार्टी को न अपनाए जो अपने देश की बातें विदेशियों से बाटे….जिसको भारत तथा उसके नागरिकों की तथा उनके धर्म का ठीक से ज्ञान नहीं…जिसने कभी भारत देश की हकीकत नहीं जाना जो खुद भारत में रहकर विदेशी लड़की से शादी करने जा रहा हो वो क्या देश का भला करेगा…यहाँ आज भी हिन्दू,मुसलमान एक ही थाली में खाना खाते है..अपनी तकलीफ को मिल कर बाटते है…इनकी इतनी हिम्मत कैसे हुई की हमारे किसी धर्म विशेष पर ऊँगली उठाने की पहले ये देश की समस्याओं को दूर करें…इस समय देश की सबसे बड़ी,गम्भीर,और मुख्य समस्या महंगाई है पहले ये महंगाई दूर करे,अपने नेताओं द्वारा किये गए घोटालों से निपटे,काले धन को वापस लेकर आये…आम आदमी महंगाई के बोझ तले मारा जा रहा है और इन्हें वोट बैंक की पड़ी है…धिक्कार है ऐसी सरकार पर जो गरीब के मुह का निवाला निकाल कर पूंजीपतियों के खजाने को भरे…..जो सरकार 60 सालों से कुछ नहीं कर पाई क्या वो अगले पांच सालों में कुछ करेगी आप खुद समझदार है….
एक विज्ञापन की लाइन है..”पहले इस्तेमाल करे फिर विश्वास करे”…मै आपसे पूंछता हूँ अब कितना वक्त लगेगा इनको समझने में…..

….हम आप ही जनता है जैसे बिहारी, बिहार में जागे है वैसे मै पूरे देश की जनता से जागने की अपील करता हूँ……

अब क्या करेंगे क्या कहेंगे आप

 

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