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मै अपने आदरणीय और दोस्तों से विनम्र निवेदन करता हूँ की वो मेरी पूरी कहानी को पढ़े बिना किसी भी निष्कर्ष पर न पहुंचे….बस यूँ ही साथ देते रहे और हर भाग पर अपना -अपना सुझाव अवश्य दें…..जैसा की आपसब जानते है की ये मेरी एक सत्य कहानी है इस कहानी को एक साथ पोस्ट करना सही नहीं था इसलिए मैंने अपनी कहानी को कई भागों में बांटा है..बस आपसब से निवेदन,आग्रह,और विनती है की अपने सुझाव अवश्य दे……
आकाश तिवारी
आज प्रपोज़ डे है आजके दिन एक लड़का/लड़की जो की किसी को अपने दिल की बात कहते है,बहुत दिनों से दिल में दबे जज्बात को एक दुसरे से जाहिर करते है..एक सच्चे प्रेमी जोड़े के लिए बहुत ही सुखद एहसास होता है आज का दिन.आज से ही एक इंसान दुसरे इंसान के दिल के बहुत करीब आ जाता है…मैने भी अपनी जानू (राखी) के साथ दो बार प्रपोज़ डे मनाया था…मगर तकदीर को तो कुछ और ही मंजूर था…आज के दिन मै अपनी जानू को बहुत मिस कर रहा हूँ..
आज की कहानी में मै अपने पहले प्रेम पत्र को लिखूंगा…..और बताऊंगा की कितनी मुहब्बत थी हम दोनों में,आज कल के ज़माने जैसा प्यार नहीं आजकल तो प्यार नहीं खेल होता है..
मेरी प्यारी
राखी
आज प्रपोज़ डे है और हमेशा की तरह मै ही सबसे पहले तुमको प्रपोज़ करूँगा…..ये बहुत गलत बात है…क्या केवल मै ही तुमसे प्यार करता हूँ तुम नहीं,कभी तुम भी प्रपोज़ कर दिया करो…आज हमारे तुम्हारे प्यार को पूरे सात साल बीत चुके है और हर बार मैंने ही तुमको प्रपोज किया है….आज भी मै तुमको वही पुराना और पहला ख़त लिखूंगा….मगर पूरे तीन पन्ने का नहीं ….छोटा सा….मगर जानू न जाने क्यों मै जब भी तुम्हारी बात करता हूँ या फिर तुम्हारे लिए कुछ लिखता हूँ आँखों से आंसू बहुत निकलते है….तुम मुझको बहुत याद कर रही हो न…चले आओ तुम मेरे पास फिर न तुम रोना और न मै ही रोऊंगा..चलो मुझे अब लव लेटर लिखने दो…..
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TO
Rakhi
मै तुमसे बहुत दिनों से कुछ कहना चाह रहा था,मगर कह नहीं पा रहा था. आज बहुत हिम्मत कर के मैंने ये लेटर तुम्हारी कापी में रख्खा है..प्लीज़ किसी से कुछ मत कहना..मेरी पूरी बात पढ़ लेना उसके बाद तुम्हारा जो भी फैसला होगा मुझे मंजूर है…मगर तुम ये बात किसी से न कहना R . K . सर को और अपने घर में भी किसी को न बताना..वरना मेरी बहुत इन्सल्ट होगी और शायद मुझे कोचिंग भी छोडनी पड़े…
राखी जब से मैंने तुमको देखा है न जाने क्या हो गया है,जब तक तुम्हारे साथ कोचिंग में रहता हूँ तब तक सबकुछ अच्छा रहता है मगर जब वापस घर आता हूँ तो ऐसा लगता है कुछ खो गया है…बहुत परेशान हो जाता हूँ किसी भी काम में मन नहीं लगता…हर वक्त आँखों के सामने तुम्हारा ही चेहरा दिखाई देता है..तुम्हारी मुस्कराहट, तुम्हारा गुस्सा..और तुम्हारी अंग्रेजी के तो क्या कहने है…अगर तुम न होती तो मै कभी भी अंग्रेजी न पढ़ पाता. तुम्हारी तरह अंग्रेजी पढने और बोलने के लिए ही मैंने दिन रात अंग्रेजी को पढ़ा है…मै अपनी अंग्रेजी ज्ञान का पूरा श्रेय तुमको दूंगा…जब मै पहली बार क्लास में आया था और मैंने सर को कहा की मुझे छूटे हुए नोट्स पूरे करने है कापी दिला दीजिए तो तुमने सबसे पहले अपनी कापी आगे की थी और मैंने ले ली थी..दो दिन तक मैंने उस कापी को अपने पास रख्खा था और यही सोचता रहा की ये तुम्हारी कापी है और जब वापस करने की बात आई तो पता चला वो तो राजीव की कापी थी…और मैंने नाहक ही तुमसे तुम्हारे हिंदी ज्ञान के लिए तुमसे शिकायत की थी….मै भी कितना बुध्धू हूँ जो की कापी का बिना नाम देखे ही…फिर जब मैंने तुमको सारी बोला तो तुमने मुस्कुराते हुए जब मुझे बोला नो प्राब्लम तो न जाने दिल में कैसी हलचल दौड़ गयी..मै बहुत दिनों तक सोचता रहा की कही ये मेरा वहम तो नहीं कही ये प्यार इकतरफा तो नहीं..मै तुमको प्रपोज़ कर दूं और तुम मुझसे नाराज हो जाओ….राखी अगर तुम मुझसे प्यार करती हो तो प्लीज़ बता दो…..मुझे न जाने क्यों ऐसा लगता है की तुम भी मुझको प्यार करती हो….राखी I LOVE YOU …राखी मै तुमको बहुत प्यार करता हूँ…..
अगर तुम मुझको प्यार नहीं करती तो क्या हुआ हम तुम अच्छे दोस्त भी बनकर रह सकते है..मगर जो भी फैसला करना बहुत सोच समझ कर करना…..
FROM
A
ये लेटर मैंने तुमको दोनों बार प्रपोज डे पर दिया था,..याद है या भूल गयी…दूसरी बार की बात याद है न जब ये लव लेटर तुम्हारे पापा के हाँथ लगने वाला था…अगर थोड़ी सी चूक हो जाती तो हम तुम उसी दिन पकडे जाते..वैसे तुम्हारे पापा बहुत गंदे है जानू…मै कभी भी उनकी इज्जत नहीं कर सकता उन्होंने हमारे साथ जो किया है उसकी सजा उन्हें मिल तो गयी है मगर अभी उनको इस बात का एहसास नहीं…
मेरे इस लेटर का जवाब मुझे तुरंत चाहिए हमेशा की तरह बाद में नहीं और पहली बार की तरह बिलकुल भी नहीं ..तुमको क्या पता जब मैंने तुमको पहली बार लव लेटर दिया था तो दिल इतना जोर-जोर धड़क रहा था की क्या बताऊँ..और तुमने जवाब कितने दिन में दिया था 2 दिन बाद…अगर मै घबराहट से मर जाता तो…इसलिए मुझे तुम मेरे लव लेटर का जवाब तुरंत दो….
जानू तुम बहुत कठोर दिल की हो गयी हो…पहले तो एक दिन भी बिना देखे,बिना मिले नहीं रह सकती थी..जब भी मै तुमसे मिलने नहीं आ पाता था तो तुम कितना नाराज हो जाती थी…गुस्से में कापी फाड़ने लगती थी सर लोगों से उलझ जाती थी….अब इतने साल बीत गए है तुम नहीं आई मै भी तुमसे नाराज हो जाऊँगा मै भी अपनी सारी डायरी फाड़ दूंगा और घर वालों से घूब लडूंगा तुमको मेरा रोना नहीं पसंद है न मै इतना रोऊंगा की आँखे फूल जायेंगी….जानू ये सब तो मैंने पहले भी तुम्हारे लिए बहुत किया है मगर तुम नहीं आई क्या तुम अब सचमुच अपने आर्यन को छोड़ के चली गयी हो ऐसा न करना जानू वरना तुम्हारा जानू मर जाएगा….आर्यन मर जाएगा..तुमने मुझसे वादा किया था की तुम मुझको कभी भी नहीं भूलोगी……
तुम्हारी यादों में तुम्हारा तुम्हारा आर्यन बहुत रो रहा है जानू……
मेरे मित्र आदरणीय श्री चातक जी के कहने पर मैंने तुम्हारे लिए एक प्यार सी कविता लिखी थी वो पोस्ट कर रहा हूँ जरूर पढना…
तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा
आर्यन
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हमारी गली जो आओगी तुम,
ढूँढोगी खुशियाँ तो मिलेंगे हम..
बेरंग लम्हों को रंगी बनाऊंगा,
तुझे ज़िन्दगी जीना सिखाऊंगा,
फिर कभी आँखों में आंसू न लाओगी तुम.
ढूँढोगी खुशियाँ तो मिलेंगे हम..
चाँद की चांदनी तुझको बनाऊंगा,
तेरे आँगन में सितारे सजाऊंगा,
फिर कभी अकेला खुद को न पाओगी तुम.
ढूँढोगी खुशियाँ तो मिलेंगे हम..
हर जख्म हर दर्द तेरा अपनाऊंगा,
दुनिया में तुझे सबसे प्यारा बनाऊंगा,
फिर कभी नफरत न कर पाओगी तुम.
ढूँढोगी खुशियाँ तो मिलेंगे हम..
आकाश में तेरा आशियाना बनाऊंगा,
सपनों के महल में तुझको बसाऊंगा,
फिर कभी आकाश से दूर न जा पाओगी तुम.
ढूँढोगी खुशियाँ तो मिलेंगे हम..
मुझे उम्मीद और विश्वास है की आपलोग मेरी पूरी कहानी जरूर पढेंगे…..
और अपना मार्गदर्शन अवश्य देंगे……………
आकाश तिवारी
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