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प्यार अपनों का……….

बेवफ़ाई
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एक्सीडेंट हुए २ दिन बीत चुके थे…१८ अप्रैल को मेरे दोस्त ने बताया की आकश तुम्हारे चाहने वाले तो ब्लॉग पर बहुत है..मतलब? मै आश्चर्य से पूंछा…
मेरे दोस्त ने बताया की जब तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया था सब अपना-अपने हिसाब से अपना काम कर रहे थे मुझे और कुछ समझ में नहीं आया मैंने तुम्हारे ब्लॉग पर तुम्हारे एक्सीडेंट की खबर को पोस्ट कर दिया…मगर मेरा पासवर्ड?…यार तुम्हारा पुराना नम्बर ही तो है…और मै हसते हुए अपने दोस्त से शिकायत करने लगा…की यार हम लोग खुशियों में किसी को याद नहीं करते दुःख पड़ा तो सबको खबर कर डाली…अब आकाश भाई तुम्हारे हालत को देखते हुए मुझे जो सही लगा मैंने किया ………….
१५ अप्रैल को सुबह सात बजे जब मेरा एक्सीडेंट हुआ मुझे कुछ भी पता नहीं चला..लेकिन जब होश आया तो खुद को एक हॉस्पिटल में…दोस्तों और घर वालों से घिरा पाया..बहुत दूर-दूर से जिसने भी मेरा नाम सुना थोडा भी जान पहिचान थी मुझसे मिलने आया…उस वक्त मुझे लगा की मैंने जिंदगी में कुछ कमाया हो या न कमाया हो..प्यार जरूर कमाया …प्यार अपनों का तो प्यारा होता ही है मगर जब प्यार गैरों से मिले तो उस प्यार में बड़े से बड़े घाव को तुरंत सही करने की ताकत होती है….अब देखिये न आज सुबह ही मेरी आदरणीय श्री बाजपेई जी से और हमारे नए साथी ब्लोगर श्री सुप्रियो जी बात हुई और शाम को आकाश का नया ब्लॉग आ गया….
आपसब के प्रेम को और साथ को देखकर मेरे आँखों से आंसू छलक गए…मुझे नहीं पता की आपसब ने मेरे लिए इतनी दुवाएं और प्रार्थनाएं क्यों की…
लेकिन मै आपसबका ऋणी हो गया…….कल मै आप सबके सामने एक गजल प्रस्तुत करूँगा……


एक बार फिर …मुझे इतना प्यार देने के लिए आकाश तिवारी की तरफ से आपसबका का तहे दिल से धन्यवाद…

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