बेवफ़ाई
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जख्मी दिल मेरा तोड़ न जाना,
ऐ बेवफा मुझे तू भूल न जाना.
प्यार याद रखना मेरा दूर रहकर भी,
अपना कहना मुझे गैर होकर भी,
चाहे कुछ भी कहे ये जमाना.
हंसता हूँ आज मुझे फिर कभी न रुलाना.
ऐ बेवफा मुझे तू भूल न जाना..
दर्द मेरा जो नजर आये कभी,
मेरी गलियों में न आना ऐ जालिम कभी,
याद करना मेरी वफा का फसाना.
हंसता हूँ आज मुझे फिर कभी न रुलाना.
ऐ बेवफा मुझे तू भूल न जाना..
छोड़ा तूने ,छूटा अपनों से भी,
न समझा किसी ने मेरे सपनों को भी,
अपना कहकर मुझे अब कभी न बहलाना.
हंसता हूँ आज मुझे फिर कभी न रुलाना.
ऐ बेवफा मुझे तू भूल न जाना..
आशा करता हूँ की आपको मेरी ये ग़ज़ल पसंद आई होगी.बहुत जल्द एक नयी ग़ज़ल के साथ फिर आऊंगा.
आपका
आकाश तिवारी
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