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हम भी”आतंकवादी कसाब”बनेंगे….

बेवफ़ाई
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मंगलवार को टीवी पर देखा और सुना की कसाब की सुरक्षा में 28  मार्च 2009 से 30 सितम्बर 2010 तक 10 करोड़ का खर्च आया तो मेरा दिल और दिमाग दिवा स्वप्न में चला गया और सोचने लगा की ….

 

सोचता हूँ प्रधानमन्त्री बन जाऊं सारे देश पर राज करूँगा कुछ भी कर सकता है कहीं भी आ जा सकता हूँ खूब ढेर सारे व्यंजन खा सकता हूँ..लेकिन प्रधानमन्त्री बनूँगा कैसे कौन बनाएगा मुझे प्रधानमन्त्री..बहुत कुछ सोचने के बाद तो मेरी हवा ही निकल गयी फिर..अरे बाप रे प्रधानमन्त्री बनते-बनते कहीं मै मर न जाऊं…

फिर मैंने सोचा चलो मुख्यमंत्री ही बन जाऊं मगर मुझे तुरंत ही प्रधानमन्त्री बनने में आने वाली बड़ी-बड़ी समस्याओं की याद आ गयी और मैंने झट से प्लान बदला और बहुत कुछ सोचने के बाद मैंने अध्यापक बनने के बारे में सोचा. हाँ  ये सही रहेगा सरकारी टीचर बन जाऊंगा पढ़ाना भी नहीं पड़ेगा अच्छा खासा पैसा भी मिलेगा खूब मौज रहेगी… लेकिन……………लेकिन फिर वही समस्या की टीचर बनने के लिए 15 -20 साल पढना पड़ेगा..पहले पढ़ाई के लिए मुझे खुद खर्चा भी करना पड़ेगा और फिर नौकरी पाने के लिए एक लम्बी रकम भी घूस में देनी पड़ेगी …जेब में चूरन और समोसे की चटनी खाने के पैसे नहीं और चला हूँ टीचर बनने ये सारे प्लान तो मेरे दिवा स्वप्न को चौपट ही कर रहे थे की अचानक मुझे आतंकवादी अजमल कसाब की याद आ गयी…फिर तो मेरे दिवा स्वप्न में चार चाँद ही लग गए ..फिर मै बहुत गहरे ख़्वाब में चला गया और सोचने लगा की बिना पढ़े,बिना पैसा खर्च किये अगर ऐश की जिंदगी चाहिए तो मुझे आतंकवादी बन जाना चाहिए..कहीं वि.वि.आई.पि..जगह जाकर बम फोड़ दू.कुछ देर सबको परेशान करूँ फिर पुलिस के हाँथ आने के बाद बोल दूँ की मै लश्कर का आदमी हूँ और अगर तुम लोगों ने मेरे साथ कुछ किया तो भारत पर बहुत बड़ा अटैक होगा..बस फिर क्या मेरी तो चल पड़ेगी ..मेरे लिए अलग से जेल बनाई जायेगी..उसमे ए.सी. लगी होगी चारो तरफ सुरक्षा चार समय खाना आराम से राजा की तरह लेटा रहूँगा …और उसी जेल में लेटे-लेटे आतंकवादी बनने के उप्पर कई किताब लिखूंगा..भाई ये भारत है यहाँ पर मुझे फांसी पर तो लटकाया नहीं जाएगा यहाँ बहुत सी पार्टिया है कोई न कोई तो मेरे पक्ष लेकर लडेगा ही..ऐसे ही कुछ साल बीत जायेंगे जहा मै चूरन और समोसे की चटनी नहीं खरीद सकता था वही मुझे करोडो में पाला जायेगा.इकदम पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की तरह …फिर कुछ सालों बाद राष्ट्रपति के सामने रोकर गिड़गिडाकर क्षमा मान लूँगा ..जेल से बाहर आ कर किताब छपवाऊंगा और खूब पैसा कमाऊंगा..क्या बात है पहली बार इस बेकार दिमाग में कोई धांसू  आइडिया आया…..इतना खूबसूरत ख्वाब देख ही रहा था की मम्मी ने मुझे उठाने के लिए जोर से धक्का मारा और मै चौकते हुए बोला….मुझे माफ़ कर दो मैंने कुछ नहीं…मै आतंकवादी नहीं हूँ…इतने में मेरी मम्मी बोली हां तुम आतंकादी नहीं एक ब्लोगवादी हो….मै उठा खड़ा हुआ…इससे पहले की मम्मी के कोई प्रश्न  का प्रहार मुझपे होता मै वहा से निकल लिया……………

 

जब मेरे जैसा पढ़ा लिखा लड़का ऐसा ख़्वाब देख सकता है तो तो जरा सोचिये उन बच्चों के बारे में जो बच्चे बचपन से खुशियों और सुविधाओं से मरहूम रहते है..उनपर इसतरह की खबर का क्या असर होता होगा खासकर की पाकिस्तान में…इन 2 सालो में इसी आधार पर न जाने कितने नए आतंकवादी पाकिस्तान में बने होंगे…मंगलवार की न्यूज में था की भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने कसाब की सुरक्षा उपलब्ध करने की एवज में 28  मार्च 2009 से 30 सितम्बर 2010 तक के लिए महाराष्ट्र सरकार को 10 करोड़ का बिल भेजा है..क्योंकि कसाब मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है.. और कितनी महानता की बात है की ये बात पूरी दुनिया को पता है की आतंकवादी कसाब मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है..ये भी कोई बात है जब इतना ही बड़ा आतंकवादी है तो गुप्त क्यों नहीं रखा जा सकता क्या पता इसलिए बताया जा रहा है की भइया आओ और छुड़ा ले जाओ … एक आतंकवादी को पकड़कर उसको तीन साल जेल में रखकर उसके उप्पर करोडो खर्च करके क्या करेगी ये हिन्दुस्तान की सरकार….क्या हिन्दुस्तानी सरकार को फिर से 1999 में हुई कंधार काण्ड जैसी घटना का इन्तेजार है या फिर देश में भुखमरी बढाकर और गरीबों की रोटी छीनकर इन आतंकवादियों के मुह में डालना है…

क्या अमेरिका ओसामा बिन लादेन को ज़िंदा नहीं पकड़ सकता था..लेकिन उसने क्या किया….भारत को सीखना चाहिए मगर जब तक इस देश में भ्रष्टतंत्र है कुछ भी नहीं हो सकता …सबके सब बड़े-बड़े घोटालो से पैसा कमा कर जिंदगी बनाने में लगे है…..बस कुछ सालो बाद यहाँ भी पाकिस्तान जैसे हालात होंगे और बच्चे यही कहेंगे….हम भी”आतंकवादी कसाब”बनेंगे….

 

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एक अकेला 
आकाश तिवारी
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