बेवफ़ाई
- 94 Posts
- 1979 Comments
ऐ जानम मुझे भुलाना पर मेरे इश्क को न भुलाना,
मेरे प्यार के इस दिए को कभी न बुझाना,
मर जाऊ गर तुझको देखे बिना मै,
मेरी कब्र पे आकर कभी आंसू न बहाना.
मेरी यादें तुझे याद आया करेंगी,
राहों में मिलकर सताया करेंगी,
मेरी इन यादो से कभी नज़रें न चुराना,
मेरी कब्र पे आकर कभी आंसू न बहाना.
किसी गैर को तुम बना लेना अपना,
मेरे इस प्यार को तुम समझ लेना सपना,
मेरे हर सपने को अपने दिल में छिपाना,
मेरी कब्र पे आकर कभी आंसू न बहाना.
हँसोगी तो हँसेंगे फूल कब्र पे हमारे,
गर रोई तो पड़ेगी मेरी कब्र पर दरारें,
खुद यूँ रोकर कभी आकाश को न रुलाना,
मेरी कब्र पे आकर कभी आंसू न बहाना.
आशा करता हूँ की आपको मेरी ये ग़ज़ल पसंद आई होगी.बहुत जल्द एक नयी ग़ज़ल के साथ फिर आऊंगा.
आपका
आकाश तिवारी
Read Comments