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कुछ किश्तें है गम कि जो आपके साथ मैंने बांटी थी सोचता हूँ एक बार फिर से साझा करता चलूँ. अभी तो बहुत कुछ लिखना बाकी है. थोड़े से समय कि ज़रूरत है फिर आपके सामने वो कहानी पेश करूँगा जिसको सुनकर आप ये सोचने पर जरुर मजबूर हो जायेंगे कि क्या ऐसा भी होता है. हाँ होता है आजकी इस दुनिया में हर वो चीज होती है जो नहीं होनी चाहिए….
=आकाश तिवारी=
हर पत्ते पर जब मै तेरा नाम लिखता था,
हर पल तेरी याद में जब मै आह भरता था,
आज भी यादों में उनकी आंसू आते है.
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है..
हर सवेरा जब तेरे दीदार से होता था,
हर बातों से तेरी जब प्यार होता था,
आज भी अल्फाज़ वो कानों में गूँज जाते है.
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है..
हर तकलीफ तेरी बाहों में दूर होती थी,
हर रात तू जब मेरे ख़्वाबों में होती थी,
आज भी आँखों से वो ख़्वाब गुजर जाते है.
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है..
कसम दी मुहब्बत की भूल जाओ मुझे,
सच्ची है चाहत तो छोड़ जाओ मुझे,
आज भी तेरी कसमों से “आकाश” तड़प जाते है.
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है..
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है..
आशा करता हूँ की आपको मेरी ये ग़ज़ल पसंद आई होगी.बहुत जल्द एक नयी ग़ज़ल के साथ फिर आऊंगा.
आपका
आकाश तिवारी
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